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मुझे कुछ कहना है दिलीप त्रिवेदी का पहला कविता-संकलन है I इनकी कविताओं में मानव जीवन के सभी रंग झलकते हैंI ज़िंदगी में जितने भी रंग हैं उन सभी को अपनी कविता के कैनवास पर छिड़क कर उन्होंने ये संकलन तैय्यार किया है. उनकी कविताओं में हर्ष है, विषाद है, प्रेम और रोमैन्स है, हास्य-व्यंग हैI राजनैतिक घटनाओं और कोविड -काल की भयावहता, इंसान की विवशता, और उससे उपजी आम आदमी की समस्याओं का वर्णन इस संकलन में उनकी कविताओं में है I पर इन सब अलग-अलग भावों को जो एक भाव एक सूत्र में पिरोता है, वो है उनका जीवन के प्रति अटल आशावाद I
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