दिल में इक ख़याल आ गया कोई,
फिर मुझे याद आ गया कोई।
चौंक उठी यूँ मेरे दिल की धड़कन,
जैसे मेरे पास आ गया कोई।
इन अंधेरों से लड़ रहा था तन्हा,
मेरी राहों में दिये जला गया कोई।
यादों के जुगनू काली रात में चमके,
भूले ख़्वाबों की ख़ुशबू जगा गया कोई।
मेरे हाथों पे उसके लम्स का जादू,
सोए अहसास जगा गया कोई।
क्या कहूँ अब मैं हाले-दिल अपना,
मेरी ग़ज़लें छुपा गया कोई।