दूर से मुझको सदा दी किसने,
राख के ढेर में हवा दी किसने।
एक ख़ुशबू ने मेरे दामन को छुआ,
इक शमा अंधेरे में जला दी किसने।
मैं उसे भूल गया, भूल गया था उसको,
आग यादों में लगा दी किसने।
मेरी हर साँस में तेरा नाम न हो,
इतनी बेदर्द सजा दी किसने।
बाद मुद्दत तेरी यादों को छुआ,
मेरे अश्क़ों को सदा दी किसने।