Mujhe Kuch Kehna Hai
ISBN 9788119221370

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Notes

  

तुम हो

रात है, ख़ामोशियाँ हैं और तुम हो,

फ़िज़ा में मदहोशियाँ है और तुम हो।

गुलों ने आज किसको आवाज़ दी है,

दिलों में अँगड़ाइयाँ हैं और तुम हो।

हर तरफ़ है आलमे नूर-ओ-ख़ुशबू,

हर तरफ़ रानाइयाँ हैं और तुम हो।

आलमे नूर-ओ-ख़ुशबू = रौशनी और ख़ुशबू का वातावरण

रानाइयाँ = सौंदर्य

फ़िज़ाओं में हरसू थिरकती है चाँदनी,

हर तरफ़ मदहोशियाँ हैं और तुम हो।

हरसू = हर तरफ़

आ रहा है कौन,ये किसकी आहट है?

अजनबी बेचैनियाँ हैं और तुम हो।

खिंचा जा रहा हूँ जाने ये किस तरफ़,

यादों की सरगोशियाँ हैं और तुम हो।

सरगोशियाँ = फुसफुसाहट