Mujhe Kuch Kehna Hai
ISBN 9788119221370

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रौशन रातें

रौशन रातों की खनक अभी बाक़ी है,

रंग और नूर की गमक अभी बाक़ी है।

मेरे नाम पर यूँ अश्क़ बहाने वालो,

इस जिस्म में साँस अभी बाक़ी है।

न रहा साथ तो क्या, गम न कर,

दिल में वो महकी मुलाक़ात अभी बाक़ी है।

है अंधेरा और न कहीं रौशनी का सुराग,

हूँ मगर ज़िन्दा के इक आस अभी बाक़ी है।

दमे आख़िर भी चैन मिलता नहीं मुझको,

क्या करूँ इस दिल में प्यास अभी बाक़ी है।