रात ख़ामोश है तारों को जगाया जाये,
आओ फिर कोई गीत गुनगुनाया जाये।
ज़िंदगी इक इम्तिहान है माना हमने,
आओ इसको ख़्वाबों से सजाया जाये।
ख़्वाब तो ख़्वाब हैं आँखों से उड़ जायेंगे,
ये ज़रूरी है उन्हें दिल में बसाया जाये।
वो आएँगे महफ़िल में, शर्त ये है मगर,
उनकी राहों में पलकों को बिछाया जाये।
दोस्त तो दोस्त हैं सच बतलाएँगे क्या,
है ज़रूरी के दुश्मन को भी बुलाया जाये।
ज़िंदगी बेनूर-ओ-बेस्वाद हो गयी यारों,
इसमें अब कोई मोड़ भी लाया जाये।
दिल जो टूटे तो ज़िन्दगी अजाब हो जाये,
बेहतर है के कहीं दिल न लगाया जाये।