Mujhe Kuch Kehna Hai
ISBN 9788119221370

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Notes

  

आज का हिंदुस्तान

देख कर हंगामा बरपा दिल ये पशेमान है,

नाज़ था जिसपर हमें क्या यही वो हिंदुस्तान है।

पशेमान = लज्जित, शर्मिंदा

फिर रहा है कौन ये हाथ में ख़ंजर लिए,

ग़ौर से देखा तो पाया, कोई सियासतदान है।

जिस तरफ़ देखो फ़िज़ा में चीखें हैं बेशुमार,

मालूम नहीं कौन है मुजरिम यहाँ, कौन निगहेबान है।

निगहेबान = रखवाला

ग़र बता सकते हो तो बताओ धर्म के सौदागरों,

ख़ून जो सड़कों पर बहा, हिंदू है या मुसलमान है।

कौन है इस मुल्क का इस पर छिड़ी है बहस,

पुर्ज़ा -पुर्ज़ा हो रहा, वो मेरा हिंदुस्तान है।