भाजपा
जब सब राज्यों में बीजेपी के कमल फूल खिल जाएँगे
जब भगवा झंडे भारत में सभी तरफ लहराएँगे,
जब राहुल गांधी सांसद से निकाले जाएँगे,
जब विपक्ष-मुक्त इस भारत में हम निष्कंटक हो जाएँगे,
नया सबेरा तब होगा।
कांग्रेस-
जब मोदी कमंडल हाथ में ले हिमलाय प्रस्थान कर जाएँगे,
जब दिल्ली की गद्दी पर हम मनमोहन को फिर ले आएँगे,
जब समस्त हमारे स्वजनों पर कोर्ट-केस बंद हो जाएँगे,
नया सबेरा तब होगा।
बासपा-
जब वापस यूपी फिर से हाथी छा जाएँगे,
जब सपा और बीजेपी नित दिन शीश झुकाएँगे,
जब हम बैठेंगे कुर्सी पर और अफसर तलवे सहलाएँगे,
नया सबेरा तब होगा।
उद्योगपति और व्यापारी-
जब बैंकों के सारे पैसे हमारे खातों में आएँगे,
जब ब्याज न हमसे मांगेंगे, जब बैंक हमें दुलराएँगे
जब फेंकी हड्डी पाकर हमसे, अधिकारी, नेतागण पूँछ हिलाएँगे,
नया सबेरा तब होगा।
जब नेता भाषण के बदले हमको राशन दिलवाएँगे,
जब पुलिस हमारी सचमुच में भक्षक से रक्षक हो जाएगी,
जब किसान हमारे, कर्जे से मौत को न अपनाएँगे,
जब मिट्टी में लिपटे नौनिहाल बचपन को वापस पा जाएँगे
जब कोख में पलती हर बच्ची को जीने का हक दिलवाएँगे,
नया सबेरा तब होगा।