Mujhe Kuch Kehna Hai
ISBN 9788119221370

Highlights

Notes

  

हौसले

ये जो हसरतें हैं अनजान सी,

जैसे इबारतें हैं गुमनाम सी,

इन गुमनाम इबारतों को उनवान दो,

उनवान = शीर्षक

ये जो बेबस चाहतें है दबी हुई,

जैसे चिनगारियाँ राख में ढकी हुई,

इन मासूम चाहतों को परवान दो।

परवान = मनोकामना को पूरा करना

ये जो ख़्वाब है घुटे-घुटे ,

जैसे फूल बर्फ़ में दबे हुए,

इन ख़्वाबों को इक पहचान दो।

ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा,

जो अभी है, उसी का है सहारा,

पंख फैलाओ, हौसलों को उड़ान दो।