Mujhe Kuch Kehna Hai
ISBN 9788119221370

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Notes

  

ख़्वाब

ख़्वाब टूटें भी तो साथ नहीं छोड़ा करते,

हैं सितारे ये फलक के, मुंह नहीं मोड़ा करते।

फलक = आसमान

ख़्वाब टूट भी जाएँ पर हसरतें नहीं जातीं,

शाख़ों से जुदा होकर गुल बू नहीं छोड़ा करते।

दिल की ये मासूम नादानियाँ देखो तो ज़रा,

टूट जाते हैं मगर धड़कना नहीं छोड़ा करते।

काँटों से दोस्ती की गुलशन-ए-बहार में,

हम वो हैं जो फूलों से दिल नहीं जोड़ा करते।

वो न आएँगे मालूम है ऐ दिल-ए-मुज़्तर,

हम उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा करते।

दिल-ए-मुज़्तर = व्याकुल दिल