Mujhe Kuch Kehna Hai
ISBN 9788119221370

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Notes

  

इमारतें

दूर से देखो तो ऐसा लगता है,

फलक के तारे ज़मीं पे चलते हैं।

या के क़ुदरत का जश्न जारी है,

जैसे बेशुमार जुगनू रक़्स करते हैं।

पास जाओ तो धड़कते दिल हैं वहाँ,

हर इक दिल में जज़्बात धड़कते हैं।

हर चिलमन के पीछे इक कहानी है,

हर घर में मुख़्तलिफ़ ख़्वाब पलते हैं।

दूर से देखो तो ऐसा लगता है,

हर घर में रंग-ओ-नूर बरसते हैं।

हर एक ज़र्रा चमक रहा है यहाँ,

हर घर में ख़ुशी के जाम छलकते हैं।

पास जा के देखो तो अलग फ़साने हैं,

कहीं हैं कहकहे, तो कहीं अश्क़ बहते हैं।

कहीं ये हाल के यक़-दिली है दिल में,

कहीं दिलों में तन्हाई के उदास साये हैं।

है ज़िंदगी यही, यही हक़ीक़त है,

रौशन चिरागों तले ही अंधेरे पनपते हैं।